रक्षाबंधन
रक्षा बंधन हिन्दुओं के मुख्य त्यौहारों में से एक है। सभी
त्यौहारों की तरह रक्षा बंधन भी काफी उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। हर
साल हिन्दू और श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन मनाया जाता है। रक्षा का
मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य होता है। रक्षाबंधन के दिन बहनें
अपनी भाई की रक्षा और तरक्की के लिए प्रार्थना करती हैं।
रक्षाबंधन कब मनाया जाता है ?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन
मनाया जाता है जिसे आम भाषा में सावन का महीना भी कहा जाता है। रक्षाबंधन सावन महीने
के अंतिम दिनों में इसलिए मनाया जाता है क्योकिं हिंदू धर्म के अनुसार सावन का
महीना शुभ होता है।
कैसे मनाया जाता है रक्षाबंधन ?
रक्षाबंधन का त्यौहार हिंदूओं के
प्रमुख त्यौहारों में से एक है। इस दिन बहनें सुबह तैयार होकर नये कपड़ें पहनकर
थाली की सजावट करती है। जिसमें राखी, सिंदूर,
चावल,
और मिठाई को शामिल किया जाता है। बहनें भईयों के माथे पर
तिलक, भाई
की कलाई पर राखी बांधकर मिठाई खिलाते हैं। राखी बांधने के बाद भाई अपनी बहन को
गिफ्ट देते हैं और वचन देते हैं कि हर मुसीबत पर मैं तुम्हारा साथ दूंगा और हमेशा
तुम्हारे साथ खड़ा रहूंगा।
क्यों मनाया जाता है रक्षा बंधन ?
पहले इस पेड़ को बांधी जाती थी राखी
सदियों से चली आ रही परंपरा के
मुताबिक पहले के समय में बहन भाई को राखी बांधने से पहले प्रकृति की सुरक्षा के
लिए तुलसी और नीम के पेड़ को राखी बांधती है।
रक्षाबंधन के दिन किस भगवान को मिली थी जीत
भविष्यपुराण के अनुसार कहा जाता है
कि देवाताओँ और दैत्यों का बीच युद्ध हुआ। बलि नाम के असुर ने भगवान को इंद्र को
हरा दिया था और अमरावती पर अपना आधिकार जमा लिया था। तब भगवान इंद्र की पत्नी
भगवान विष्णु के पास पहुंची। तब विष्णु ने शची को सूती धागे से हाथ में पहने के
लिए धागा बना कर दिया और कहा है कि इसे इंद्र की कलाई पर बांध देना। इंद्र की
पत्नी ने ऐसा ही किया और सुरक्षा और सफलता की कामना की। इसके बाद भगवान इंद्र ने
बलि को हरा दिया और अमरावती पर अपना अधिकार जमा लिया।
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